Uttar pradesh News: देशभर में दीपावली का पर्व हर्षोल्लास से मनाया जाता है, सभी लोग अपने घरों में दीपावली मनाते हैं। क्या आप जानते हैं कि सीएम योगी कहां दिवाली मनाते हैं, वैसे तो सीएम योगी दीपावली के दिन की शुरुआत अयोध्या से करते हैं, लेकिन इसके बाद वह गोरखपुर के वनटांगियां गांव पहुंचते हैं। सीएम योगी पिछले 15 साल से वनटांगिया गांव के लोगों के साथ दिवाली मनाते चले आ रहे हैं, इस बार भी वनटांगियां गांव में सीएम योगी के आगमन को लेकर तैयारियां की जा रही हैं।
गोरखपुर में कुसम्ही वन के बसे वनटांगिया गांव जंगल तिकोनिया नंबर तीन के लोग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगमन की प्रतीक्षा में उल्लसित और उमंगित हैं। कारण, सीएम योगी इस वनटांगिया गांव में दीपोत्सव मनाने आते हैं। यहां दीप योगी के नाम पर प्रज्वलित होते हैं। वनटांगिया गांव जंगल तिकोनिया नंबर तीन में प्रशासन अपनी तैयारियों में जुटा है तो गांव के लोग मुख्यमंत्री की अगवानी के लिए अपने-अपने घर-द्वार को साफ सुथरा बनाने, रंग रोगन करने और सजाने-संवारने में। तैयारी ऐसी मानों उनके घर उनका आराध्य आने वाला हो। सब कुछ स्वतः स्फूर्त और मिलजुलकर।
31 अक्टूबर को देंगे दिवाली की सौगात
मुख्यमंत्री इस गांव में गुरुवार (31 अक्टूबर) को आकर दीपोत्सव मनाएंगे। वनटांगिया समुदाय के साथ दीपावली की खुशियां साझा करने के साथ मुख्यमंत्री जिले की कई ग्राम पंचायतों को कुल 185 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की सौगात देंगे।
वनटांगिया गांव के दीपोत्सव में सीएम योगी उत्तर प्रदेश जल निगम (ग्रामीण) द्वारा 42 गांवों में उपलब्ध कराई गई पेयजल परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे। इस पर 150 करोड़ 35 लाख रुपये की लागत आई है। इसके अलावा वह 32 ग्राम पंचायतों में परफॉर्मेंस ग्रांट से 34 करोड़ 66 लाख की लागत से कराए गए विकास कार्यों का भी लोकार्पण करेंगे। दीपावली के इस समारोह में कार्यक्रम स्थल पर कई विभागों की तरफ से स्टाल लगाकर शासन की जनहित वाली योजनाओं की जानकारी भी दी जाएगी। उधर, मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर प्रशासन और ग्रामीण जोरदार तैयारियों में जुटे हुए हैं।
खास लगाव सीएम योगी का वनटांगिया गांव और वहां के लोगों से एक विशेष जुड़ाव है। जब वे सांसद थे, तब से ही वे हर दिवाली पर इन गांवों में जाते रहे हैं और वहां के लोगों के लिए सामान्य नागरिक अधिकारों की लड़ाई भी लड़ी। वर्ष 2009 से उन्होंने वनटांगिया समुदाय के साथ दिवाली मनाने की एक परंपरा शुरू की, जिसे मुख्यमंत्री बनने के बाद भी वे पूरी शिद्दत से निभा रहे हैं। हर साल वे बच्चों को मिठाई, किताबें और आतिशबाजी का उपहार देकर उनकी खुशियों में शामिल होते हैं।