नई दिल्ली। एनसीआर में प्रदूषण का स्तर एक बार फिर बढ़ गया है। दिल्ली और एनसीआर के ज्यादातर प्रमुख शहरों में हवा की गुणवत्ता खराब से बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गई है। सीपीसीबी के अनुसार प्रदूषण का स्तर अभी घटने की संभावना नहीं है। इसी के मद्देनजर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की उप समिति ने आपात बैठक कर एनसीआर में ग्रैप तीन लागू कर नौ सूत्री प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से लागू कर दिए हैं।
इसके तहत एनसीआर में विध्वंस और ऐसे सभी निर्माण कार्य पर सीएक्यूएम ने प्रतिबंध लगा दिया है जिनसे धूल उड़ने पर प्रदूषण फैलता है। यानी अधिक प्रदूषण फैलाने वाले निर्माण और विध्वंस कार्य बंद रहेंगे। अस्पताल, रेल, मेट्रो, एयरपोर्ट, राष्ट्रीय सुरक्षा इत्यादि आवश्यक सेवाओं से जुड़ी परियोजनाओं को छूट रहेगी। निर्माण सामग्री ढोने वाले वाहनों पर प्रतिबंध रहेगा। सभी स्टोन क्रसर मशीनों के संचालन, खनन और उससे जुड़ी गतिविधियों पर भी रोक रहेगी।
एनसीआर में भी इन वाहनों पर लगी रोक
इसके अलावा दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद व गौतम बुद्ध नगर जिले में बीएस तीन पेट्रोल व बीएस चार इंजन वाले चार पहिया वाहनों (कार) के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। लेकिन दिव्यांग अपनी व्यक्तिगत जरूरत के लिए बीएस तीन पेट्रोल व बीएस चार इंजन की कार का इस्तेमाल कर सकते हैं। बीएस चार डीजल इंजन वाले माल वाहक वाहनों के भी दिल्ली में प्रवेश करने पर प्रतिबंध रहेगा।
सीएक्यूएम ने संबंधित एजेंसियों को इस पर अमल सुनिश्चित करने व नियम का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। सीएक्यूएम ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से 13 दिसंबर को ग्रैप तीन में शामिल नए प्रावधानों का भी पालन करना होगा। दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद व गौतम बुद्ध नगर जिले में पांचवीं कक्षा तक स्कूलों को अनिवार्य रूप से हाइब्रिड मोड में चलाना होगा। अभिभावक व बच्चे ऑनलाइन या ऑफलाइन पढ़ाई का विकल्प चयन कर सकते हैं।
डीजल वाहन के दिल्ली में प्रवेश पर रोक
दिल्ली में पंजीकृत बीएस चार या उससे कम मानक के डीजल इंजन एमजीवी (मीडियम गुड्स व्हीकल) का राष्ट्रीय राजधानी में परिचालन प्रतिबंधित रहेगा। सिर्फ जरूरी सेवाओं से जुड़े वाहनों को इससे छूट दी गई है। दिल्ली के बाहर पंजीकृत बीएच चार या उससे कम मानक के डीजल इंजन के हल्के व्यवसायिक वाहनों का दिल्ली में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।