नवजात बच्ची की देखभाल के भी हाईकोर्ट ने दिए आदेश
Prayagraj News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी को पीड़िता से शादी करने की शर्त पर जमानत दे दी है। कहा कि जेल से रिहा होने के तीन महीने के भीतर पीड़िता से शादी करेगा और उसकी नवजात बच्ची की देखभाल करेगा। साथ ही छह महीने के भीतर बच्ची के नाम पर दो लाख रुपये भी जमा करेगा। न्यायमूर्ति कृष्ण पहल की एकलपीठ ने अभिषेक की याचिका पर यह आदेश दिया है।
सहारनपुर के थाना चिलकाना में अभिषेक पर पीड़िता के पिता ने पॉक्सो व दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप लगाया कि उसकी बेटी से शादी का झूठा वादा करके उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए, जिससे पीड़िता गर्भवती हो गई। इसके बाद आरोपी ने शादी करने से इन्कार कर दिया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वहीं, जमानत के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की।
याची के वकील ने कोर्ट को बताया कि मेडिकल रिपोर्ट से पीड़िता की उम्र 18 वर्ष है। साथ ही सीआरपीसी की धारा 164 में पीड़िता ने बयान में उस पर किसी भी प्रकार के बल प्रयोग से इन्कार किया है। इसके अलावा याची के वकील ने यह भी बताया कि याची पीड़िता की जिम्मेदारी लेने और उससे शादी करने को तैयार है। कोर्ट ने साक्ष्यों का अवलोकन करने व दलीलों को सुनने के बाद कहा कि शोषण के वास्तविक मामलों और सहमति से बने संबंधों के मामलों के बीच अंतर करना एक बड़ी चुनौती है। न्याय के लिए सूक्ष्म दृष्टिकोण और सावधानी पूर्वक न्यायिक विचार की आवश्यकता होती है। किसी व्यक्ति को तब तक निर्दोष माना जाता है, जब तक कि उसका अपराध सिद्ध न हो जाए।